Jin Sutra, Vol.4-जिन-सूत्र
स्टॉक में
ओशो ने भगवान महावीर के समण-सुत्तं पर बोली प्रवचन माला में कुल बासठ प्रवचन दिए हैं। भाग चतुर्थ में कुल पंद्रह प्रवचनों का अपूर्व संकलन है।
ओशो ने भगवान महावीर के समण-सुत्तं पर बोली प्रवचन माला में कुल बासठ प्रवचन दिए हैं। भाग चतुर्थ में कुल पंद्रह प्रवचनों का अपूर्व संकलन है।
तीसरी बात: पूछा, ‘राग-द्वेष के दो पहियों से संसार निर्मित होता है।’--सच है। क्योंकि राग एक तरफ झुकाता, द्वेष दूसरी तरफ झुकाता। राग-द्वेष के झंझावात में हमारा चित्त कंपता है। आसक्ति और विरक्ति, राग और द्वेष, शत्रु और मित्र, अपना और पराया, हितकर और अहितकर,
Publisher | Osho International |
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अवधि (मिनट) | 103 |
Type | एकल टॉक |
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