ध्यान विज्ञान – Dhyan Vigyan

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ओशो द्वारा विभिन्न प्रवचनों में बताई गईं 115 सहज ध्‍यान विधियोँ का अप्रतिम संकलन।
ओशो द्वारा विभिन्न प्रवचनों में बताई गईं 115 सहज ध्‍यान विधियोँ का अप्रतिम संकलन।

उद्धरण : ध्यान विज्ञान - दिन के समय करने वाली ध्यान विधियाँ - स्वप्न में सचेतन प्रवेश

 


"तुम्हारे मन का हाल यह है कि मानो तुम फिल्म देखने गए हो। पर्दे पर फिल्म चल रही है और तुम उसे देखने में ऐसे तल्लीन हो कि तुम्हें फिल्म और कहानी के अतिरिक्त सब भूल जाता है। उस समय अगर कोई पूछ दे कि तुम कौन हो, तो तुम कुछ न कह सकोगे।

यही स्वप्न में घटता है। और यही हमारी जिंदगी है। फिल्म की घटना तो सिर्फ तीन घंटे की है, लेकिन स्वप्न-क्रिया जन्मों-जन्मों चलती है। और अचानक यदि सपना बंद भी हो जाए तो भी तुम नहीं पहचान पाओगे कि तुम कौन हो। अचानक तुम धुंधला-धुंधला अनुभव करोगे और भयभीत भी। तुम फिर फिल्म में लौट जाना चाहोगे, क्योंकि वह परिचित है। तुम उससे भलीभांति परिचित हो, तुम उसके साथ समायोजित हो।

क्योंकि जब स्वप्न तिरोहित होता है तो एक मार्ग खुलता है, खासकर झेन में जिसे त्वरित मार्ग, त्वरित बुद्धत्व का मार्ग कहते हैं। इन एक सौ बारह विधियों में कई ऐसी विधियां हैं जो त्वरित बुद्धत्व को प्राप्त करा सकती हैं।

लेकिन वह तुम्हारे लिए अति हो जा सकती है। और हो सकता है कि तुम उसे झेल न पाओ। इस विस्फोट में तुम मर भी सकते हो। क्योंकि सपनों के साथ तुम इतने समय से जी रहे हो कि उनके हटने पर तुम्हें याद ही नहीं रहेगा कि तुम कौन हो।" —ओशो

 

पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:

  • गैर-यांत्रिक होना ही रहस्य है
  • यौन-मुद्रा : काम-ऊर्जा के ऊर्ध्वगमन की एक सरल विधि
  • मौन और एकांत का इक्कीस दिवसीय प्रयोग
  • ध्यान के भीतर ध्यान
  • बहना-मिटना-तथाता ध्यान
अधिक जानकारी
Type संकलन
Publisher Divyansh Pub.
ISBN-13 978-81-7261-169-9
Number of Pages 192