अमृत द्वार – Amrit Dwar
ई-पुस्तक — अन्य प्रारूपों में भी उपलब्ध है:ऑडियोपुस्तकें (English)
स्टॉक में
जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पुणे में प्रश्नोत्तर सहित हुई प्रवचनमाला के अंतर्गत ओशो द्वारा दिए गए पांच प्रवचन |
जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पुणे में प्रश्नोत्तर सहित हुई प्रवचनमाला के अंतर्गत ओशो द्वारा दिए गए पांच प्रवचन |
अमृत द्वार –
दुख और चिंता और अशांति मनुष्य की नियति नहीं है, मनुष्य की भूल है। बीमारी मनुष्य की नियति नहीं है, मनुष्य का दोष है। स्वास्थ्य संभव है। जैसे शारीरिक स्वास्थ्य संभव है, वैसे ही मानसिक स्वास्थ्य भी संभव है। जैसे शारीरिक स्वस्थ होना संभव है--और रोज संभावना बढ़ती जाती है मनुष्य के शारीरिक स्वास्थ्य की, क्योंकि हम शरीर-की खोज में लगे हैं। ऐसे ही मनुष्य के आत्मिक स्वास्थ्य की संभावना भी बढ़ सकती है, अगर हम आत्मिक-की खोज में लगें। लेकिन आत्मिक-के नाम पर हम अंधविश्वासों में पड़े हैं, तो फिर यह विकास नहीं हो सकता है।
ओशो
पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:
• विज्ञान और आध्यात्मिक अंधविश्वास
• प्रेम: संसार और परमात्मा के बीच का सेतु
• जीवन-रूपांतरण के सूत्र
• शास्त्र और किताब का फर्क इस पुस्तक में ओशो निम्नलिखित विषयों पर बोले हैं:
विश्वास, विचार, अंधविश्वास, ज्ञान, विस्मय, विज्ञान, प्रेम, शास्त्र, रूपांतरण, आनंद,
पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:
• विज्ञान और आध्यात्मिक अंधविश्वास
• प्रेम: संसार और परमात्मा के बीच का सेतु
• जीवन-रूपांतरण के सूत्र
• शास्त्र और किताब का फर्क इस पुस्तक में ओशो निम्नलिखित विषयों पर बोले हैं:
विश्वास, विचार, अंधविश्वास, ज्ञान, विस्मय, विज्ञान, प्रेम, शास्त्र, रूपांतरण, आनंद,
Type | फुल सीरीज |
---|---|
Publisher | ओशो मीडिया इंटरनैशनल |
ISBN-13 | 978-0-88050-857-5 |
Format | Adobe ePub |
The information below is required for social login
Sign In or Create Account
Create New Account