सुमिरन मेरा हरि करैं – Sumiran Mera Hari Kare
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प्रश्नोत्तर प्रवचनमाला के अंतर्गत पुणे में ओशो द्वारा दिए गए ग्यारह प्रव
प्रश्नोत्तर प्रवचनमाला के अंतर्गत पुणे में ओशो द्वारा दिए गए ग्यारह प्रव
दुख जब पहली बार घटता है, कोई दुख, तो तुम्हें झकझोरता है। फिर घटता ही रहे, घटता ही रहे, तो कब तक झकझोरेगा? तुम उससे न केवल परिचित हो जाते हो, बल्कि तुम्हारी उससे मैत्री भी हो जाती है।
In this title, Osho talks on the following topics:इस पुस्तक में ओशो निम्नलिखित विषयों पर बोले हैं:
ध्यान, संन्यास, प्रेम, साक्षीभाव, मृत्यु, सत्य, कला, विज्ञान, वासना, निजता
ध्यान, संन्यास, प्रेम, साक्षीभाव, मृत्यु, सत्य, कला, विज्ञान, वासना, निजता
Publisher | OSHOMedia International |
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ISBN-13 | 978-0-88050-815-5 |
Format | Adobe ePub |
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