जस पनिहार धरे सिर गागर – Jas Panihar Dhare Sir Gagar

ऑडियोपुस्तकें — अन्य प्रारूपों में भी उपलब्ध है:ई-पुस्तकें (English)
स्टॉक में
धरमदास के सूत्रों पर ओशो के ग्यारह प्रवचन। छः प्रवचन सूत्रों पर तथा पांच प्रश्नोत्तर।
धरमदास के सूत्रों पर ओशो के ग्यारह प्रवचन। छः प्रवचन सूत्रों पर तथा पांच प्रश्नोत्तर।

आदमी के जीवन की समस्या एक, समाधान भी एक। आदमी के जीवन में बहुत समस्याएं नहीं हैं और न बहुत समाधानों की जरूरत है। एक ही समस्या है कि मैं कौन हूं? और एक ही समाधान है कि इसका उत्तर मिल जाए। जीवन की सारी समस्याएं इस एक समस्या से उठती हैं। यह एक समस्या जड़ है। और इस समस्या में उलझाव भारी है। उत्तर खोजने वाले भी उत्तर नहीं खोज पाते, उलझाव में भटक जाते हैं। क्योंकि बहुत उत्तर दिए गए हैं। और बाहर से दिया गया कोई भी उत्तर काम नहीं आता। उत्तर आना चाहिए भीतर से और बाहर उत्तरों की कतार खड़ी है। और हर उत्तर तुम्हारा उत्तर बन जाने को आतुर है। हर उत्तर तुम्हें फुसला रहा है, समझा रहा है, राजी करने की कोशिश में संलग्न है--मैं हूं तुम्हारा उत्तर। और स्वभावतः जिसके भीतर समस्या खड़ी हो वह किसी भी उत्तर को पकड़ने लगता है। कहते हैं न कि डूबते को तिनके का सहारा भी बहुत मालूम होता है। हालांकि तिनकों के सहारे कोई कभी बचता नहीं। लेकिन डूबते आदमी के पास तिनका भी आ जाए तो उसी को पकड़ लेता है। ऐसे ही तुमने बहुत तिनके पकड़ लिए हैं। उन तिनकों के पकड़ने से तुम बचोगे नहीं। नाव तुम्हारे भीतर है। जहां से समस्या उठी है, वहीं समाधान छिपा है। समस्या के भीतर ही उतरना है तो समाधान मिलेगा। प्रश्न भीतर और उत्तर बाहर, अगर ऐसा होता तो सभी को उत्तर मिल गए होते। प्रश्न भी भीतर है और उत्तर भी भीतर है। इसलिए जो भीतर जाते हैं वे ही उत्तर पाते हैं। तो पहला ध्यान रखना, मैं कौन हूं, शास्त्रों से इसका उत्तर मत ले लेना अन्यथा तुम सदा को भटक जाओगे। मैं कौन हूं, इसका उत्तर स्वयं से लेना है। कोई उधार उत्तर काम न आएगा। सब उधार उत्तर झूठे हैं। इसलिए नहीं कि जिन्होंने वे उत्तर दिए थे उन्हें पता नहीं था, बल्कि इसलिए कि यह उत्तर ऐसा है कि कोई दूसरा किसी दूसरे को दे नहीं सकता। मैं जानता हूं फिर भी तुम्हें दे नहीं सकता। और दूंगा तो देने में ही झूठा हो जाएगा। तुम लोगे, लेने में ही बेईमानी हो जाएगी। यह उत्तर ऐसा है जिसकी तलाश करनी होती है। तलाश में ही निर्मित होता है। खोज में ही इसका जन्म है। —ओशो
अधिक जानकारी
Publisher Osho Media International
Type फुल सीरीज